
Chapter_1 (BTMB)
CHHARABAR ( SHIMLA )
NIGHT 12:00 PM..
Singhaniya mansion..
Chharabra Shimla का सबसे एलीट इलाका जहां वादियों के बीच फैला Singhaniya Mansion रात में किसी महल की तरह जगमगाता है ऊपर से दिखता पूरा Shimla सुनहरी रोशनी में डूबा जैसे सितारों का शहर धरती पर उतर आया हो रात के इस पहर जब सड़के शांत थी।
ठीक उसी वक्त सिंघानिया मेंशन के 5th फ्लोर के मास्टर बेडरूम एक आदमी एक लड़की को दीवार से लगाकर बुरी तरह उसके होठों को खा रहा था उसे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे वो उस लड़की पर अपना गुस्सा निकल रहा हो
दर्द की शिद्दत से उस लड़की के गर्म गर्म आंसू बार बार उसके गाल पर टूटकर बिखर रहे थे लेकिन उसके आंसुओं से उस आदमी को कोई फर्क नहीं पर रहा था कुछ देर बाद वो उसके होठों को छोड़कर उसकी गर्दन पर टूट पड़ता है...
वो आदमी बिना रुके लगातार उसकी गर्दन पर अपनी गहरी छाप छोड़ रहा था और उसकी हर छाप के साथ वो लड़की दर्द से तड़पते हुए उसके बालों को मुठ्ठी में भरकर बुरी तरह सिसकियां भर रही रही थी।
वो आदमी उसकी गर्दन को चूमते हुए उसकी ड्रेस की जिप को एक झटके में खोल देता है और अब उसकी गर्दन से लेकर शोल्डर तक बाइट्स देने लगता है और इसी वजह से वो लड़की दर्द से बिलख रही थी।
एक पल को वो आदमी उससे दूर होकर उसे अपनी इंटेंस नजरों से देखता है और अगले ही पल उसे अपनी गोद में उठाकर बेड पर पटक देता है जिससे उस लड़की की आह निकल जाती है और वो आंखों में गुस्सा और दर्द लिए उस आदमी को घूरने लगती है....
वो आदमी उस लड़की की नजरों की तपिश को महसूस करके अपनी शर्ट के बटन खोलते हुए तिरछा मुस्कुराते हुए कहता है_घूरना बंद करो टर्टल क्योंकि तुम्हारे घूरने से अगर तुम्हे लगता है कि मुझे फर्क पड़ेगा तो unfortunately you are wrong turtle...."
बेड पर लेटी हुई लड़की उस आदमी को अपनी सुर्ख आंखों से घूरते हुए गुस्से में कहती है_आप जैसा शख्स मैने अपनी पूरी जिंदगी में नहीं देखा मिस्टर सिंघानिया आप मेरे साथ इतने बेदर्द कैसे बन जाते हो
वो आदमी अपनी शर्ट को उतारकर एक तरफ फेक देता है और बेड पर आकर उस लड़की के ऊपर झुकते हुए सरकास्टली कहता है_देखोगी भी नहीं और बात रही बेदर्द बनने की तो जब मैं तुम्हारी शकल देखता हूं तो मेरे अंदर का जानवर खुद बा खुद बाहर आ जाता है।
इतना कहकर वो वापस उस लड़की को बुरी तरह चूमने लगता है और उस लड़की की ड्रेस को फाड़कर उसके जिस्म से बुरी तरह अलग कर देता है अब वो लड़की अपनी इनरवियर में उस आदमी के नीचे दबी हुई थी।
एक पल को वो आदमी उस लड़की के चेहरे को देखता है जिसपर बेहिसाब दर्द था लेकिन अगले ही पल वो सब कुछ इग्नोर करके उस लड़की के बाकी कपड़ों को उसके जिस्म से अलग कर देता है और अचानक उस लड़की की कमर पकड़कर उसके अंदर समा जाता है।
जिससे एक बेहिसाब दर्द भरी चीख उस कमरे की दीवारों से टकरा जाती है और उस आदमी के चेहरे पर तिरछी मुस्कान तैर जाती है। वो कुछ देर शांत रहता है और चंद लम्हों बाद बहुत गहराई से उस लड़की को प्यार करने लगता है।
ये इंटीमेसी इतनी पेनफुल थी कि उस लड़की की दर्दभरी चीखे उस कमरे में बार बार गूंज रही थी ना जाने रात के किस पहर वो आदमी शांत होकर उस लड़की को यूंही बेड पर छोड़ देता है
सुबह का वक्त
पहली किरण के साथ चराबड़ा की ऊंचाइयों पर खड़ा सिंहानिया मेंशन बादलों की चादर ओढ़े किसी सपनों के महल जैसा दिख रहा था ठंडी हवा में देवदार की खुशबू घुली हुई थी और सूरज की हल्की-सी रोशनी पूरे माहौल को सुनहरी आभा दे रही थी।
वहीं मेंशन के मास्टर बेडरूम में खिड़की से आती धूप की नरम किरणें बेड पर लेटी उस लड़की के चेहरे पर पड़ीं तो उसने झिलमिलाती पलकें खोलीं और अपने चेहरे पर बिखरे बालों को धीरे से साइड किया।
अब उसकी शक्ल साफ़ नज़र आ रही थी 20 साल की, 5’3” हाइट वाली नाज़ुक लेकिन बेहद ख़ूबसूरत गोरी मुलायम रंगत गहरी हेज़ल-ब्राउन आंखें जिनमें रोशनी पड़ते ही सुनहरे और हरे रंग की हल्की-सी चमक उभर आती थी जो उसके लुक को और भी रॉयल और इंटेंस बना देती थी
उसके नेचुरल पिंक होंठ.. और होंठ के नीचे सजा एक छोटा-सा तिल उसकी ख़ूबसूरती पर जैसे चार चांद लगा रहा था और ये लड़की कोई और नहीं बल्कि हमारी कहानी की नायिका रायशा रंधावा सिंघानिया है
रायशा अपनी आंखों को पूरी तरह से खोलते हुए आस पास नजर घुमाकर धीरे से उठने की कोशिश करती है लेकिन वो जितनी जल्दी बेड से उठी थी उतनी ही जल्दी धम्म की आवाज के साथ बेड पर गिर जाती है।
जिससे उसकी आह निकल जाती है और दर्द की एक सिरहन उसके पूरे जिस्म को तोड़कर रख देती है लेकिन इस हल्की सी हलचल से उसके बगल में लेटे हुए आदमी की नींद खुल जाती है और वो धीरे से करबट लेकर एक तिरछी नजर उसपर डालते हुए गहरी मुस्कुराहट के साथ कहता है_जब नहीं उठा जा रहा है तो क्यों उठने की कोशिश कर रही हो टर्टल.?
उस आदमी की आवाज़ कानों में पड़ते ही रायशा की हेज़ल ब्राउन आंखों में हल्की-सी चमक के साथ गुस्से की तेज़ लहर दौड़ गई उसने धीरे-से अपनी गर्दन मोड़कर बराबर में देखा तो उसकी नज़र सीधी उस शख़्स की गहरी आंखों में जाकर अटक गई।
लेकिन फिर उसने उससे नजरे फेरकर अपनी ब्लैंकेट को ठीक किया और सरकास्टली उसे तंज कसते हुए बोली_आपको मेरी फिक्र कब से होने लगी मिस्टर सिंघानिया.?
रायशा की बात सुनकर उस आदमी के चेहरे के एक्सप्रेशन बदल जाते हैं और वो फौरन अपनी जगह से उठकर अपने साइड में पड़े लोअर को पहन लेता है।
अब उस आदमी का चेहरा अच्छे से दिख रहा था वो 32 साल का, 6’3” हाइट का लंबा-चौड़ा और दमदार कद-काठी वाला आदमी था उसकी आंखें स्टील ग्रे थीं ठंडी गहरी और पैनी जैसे किसी के आर-पार देख लें हल्की-सी ट्रिम की हुई दाढ़ी उसके रग्ड लुक को और निखार रही थी।
जबकि उसके होंठ सख्त और हल्के पिंक थे जैसे किसी भी पल सख्त लहजे में कुछ कहने को तैयार हों शर्टलेस होने के कारण उसकी चौड़ी छाती और तराशी हुई 6-पैक एब्स साफ़ झलक रही थीं मानो हर मांसपेशी उसकी ताकत और अनुशासन की कहानी कह रही हो ये आदमी कोई और नहीं बल्कि हमारी कहानी का नायक दृश्यम सिंघानिया है।
जो बेहद गुस्सैल और समय का पाबंद है लेकिन एक चीज जो उसे सबसे अलग बनाती है वो है उसकी मुस्कुराहट....गुस्सैल लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट आती नहीं लेकिन दृश्यम सिंघानिया के चेहरे से मुस्कुराहट जाती नहीं....
दृश्यम लोअर पहनते हुए एक पल को ठिठका उसकी नज़र ज़मीन पर बिखरे बुरी तरह फटे हुए रायशा के कपड़ों पर पड़ी और फिर धीमे से आंखों में एक खतरनाक चमक लिए उसने तिरछी नज़रों से उसकी तरफ देखा फिर होंठों के किनारों पर एक गहरी सर्द मुस्कान खेलते हुए उसने कहा_मुझे तुम्हारी कितनी फिक्र है ये जानना चाहो तो अपने जिस्म और इन फटे हुए कपड़ों को देख लो।
इतना कहकर वो अचानक उसके करीब झुक आया उसकी सांसें उसके कानों को छूने लगीं और फिर बेहद धीमी लेकिन रूह कंपा देने वाली आवाज़ में फुसफुसाया_दृश्यम सिंघानिया तुम्हें तोड़कर रख देगा रायशा दृश्यम सिंघानिया.."
इतना कहकर वो उससे दूर हुआ होंठों पर वही सर्द मुस्कान लिए सीधे कमरे के बराबर बने अपने पर्सनल जिम की तरफ बढ़ गया रायशा की नज़र उसके पीछे जाती रही और फिर दरवाज़े की तरफ देखते हुए उसने आंखें बंद कीं और धीमे लेकिन ठोस लहज़े में फुसफुसाई_मैं आपको कभी माफ़ नहीं करूंगी दी...."
आंखें खोलते ही उसने अपना सिर बेड के क्राउन से टिका दिया जैसे अपने अंदर की थकान को सहारा दे रही हो कुछ मिनट बाद वो ब्लैंकेट को कसकर अपने चारों ओर लपेटते हुए वॉशरूम में चली गई।
अंदर पहुंचकर उसने ब्लैंकेट को धीरे से हटाया और आईने के सामने खड़ी हो गई तो अनायास ही उसकी नज़र अपने जिस्म पर पड़ी जहां हर जगह लाल निशान नाखूनों के गहरे कट और दांतों के बेदर्दी से छोड़े गए निशान मौजूद थे मानो उसके जिस्म पर दृश्यम की बेरहमी की पूरी कहानी उकेरी गई हो।
एक पल के लिए उसकी आंखों में नमी उतर आई कुछ बूंदें गाल पर लुढ़कीं लेकिन अगले ही सेकंड उसने गहरी सांस लेकर आंसुओं को निगल लिया क्योंकि रायशा रोना नहीं जानती थी
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